इम्पैक्ट प्लेयर रूल इस साल होने वाले आईपीएल से लागू हो रहा है।
हमने और आपने आईपीएल या क्रिकेट के मैचों में कमेंट्री में बहुत बार सुना होगा कि सूर्यकुमार यादव इम्पैक्ट प्लेयर है, हार्दिक पंड्या ने इम्पैक्ट फुल पारी खेली है, ऋषभ पंत इंडिया के लिए इम्पैक्ट प्लेयर साबित नहीं हो रहे है।
तो क्या है ये इम्पैक्ट प्लेयर रूल ??? क्यों कॉमेंटेटर बार बार इम्पैक्ट प्लेयर की बात करते है।
अब हम सब से पहले जानेगे की इम्पैक्ट प्लेयर होते क्या है ?? फिर जानेगे इम्पैक्ट प्लेयर को खिलाने के क्या क्या रूल है ?? उसके बाद जानेगे कि किस समय और कंडीशन में इम्पैक्ट प्लेयर को नहीं खिलाया जा सकता ?? और अंत में जानेगे कि कैसे इम्पैक्ट प्लेयर रूल आने के बाद आईपीएल और भी रोमांचक हो जायेगा या फिर इम्पैक्ट प्लेयर से आईपीएल पर क्या फर्क पड़ेगा ???
इम्पैक्ट प्लेयर क्या होते है ??
क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई ) ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में सब्स्टिटूट खिलाडी उतारने के लिए नियम को लागू करने का फैसला किया है।
आपने हाल ही फीफा फूटबाल वर्ल्ड कप में सब्स्टिटूट खिलाडियों को खेलते देखा होगा, या सुना तो जरूर होगा की पुर्तगाल ने रोनाल्डो को सब्स्टिटूट खिलाडी के रूप में इस वर्ल्ड कप के कुछ मैचों में खिलाया।
फूटबाल , हॉकी के अलावा क्रिकेट में बिग बैश लीग में भी सब्स्टिटूट खिलाडी खिलाये जाते है। इसी तरह अब भारत में आईपीएल में भी सब्स्टिटूट खिलाडी खिलाये जायेगे जिन्हे इम्पैक्ट प्लेयर कहा जायेगा।
फूटबाल में खूब सारे खिलाडी सब्स्टिटूट किये जाते है पर आईपीएल में सिर्फ एक खिलाडी को सब्स्टिटूट किया जायेगा यही खिलाडी इम्पैक्ट प्लेयर कहलायेगा।
इम्पैक्ट प्लेयर वास्तव में वो खिलाडी होता है जो शुरुआती प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं होता है पर सुं शुरुआती 11 में से किसी खिलाडी की जगह पर टीम में बीच मैच के दौरान आता है और मैच का हिस्सा बन जाता है। ये इम्पैक्ट प्लेयर मैच का पासा पलटने की क्षमता रखता है।
आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर को खिलाने के क्या क्या रूल है ??
आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर को खिलाने के लिए बीसीसीआई ने कुछ रूल बनाये है उन्ही रूल के तहत कोई टीम इम्पैक्ट प्लेयर को खिला सकती है। आइये जानते है इम्पैक्ट प्लेयर से सम्बंधित रूल्स –
- टॉस के वक्त टीम को अपनी प्लेइंग-11 के साथ 4 सब्स्टिटूट खिलाडी(इम्पैक्ट प्लेयर ) बताने होंगे।
- टीम इन्ही चार सब्स्टिटूट खिलाडी में से सिर्फ एक खिलाडी को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में खिला सकती है।
- पारी के 14 वे ओवर तक ही इम्पैक्ट प्लेयर को खिलाया जा सकता है , 14 ओवर पुरे होने के बाद टीम अपना इम्पैक्ट प्लेयर नहीं भेज सकती।
- जिस खिलाडी के बदले इम्पैक्ट प्लेयर टीम में आएगा वो खिलाडी पुरे मैच में दुबारा मैदान पर नहीं आ सकता , फील्डिंग के लिए भी नहीं।
- विकेट गिरने, ओवर ख़तम होने और किसी खिलाडी के चोटिल होने समय ही इम्पैक्ट प्लेयर को मैदान पर उतारा जा सकता है , चलते मैच के दौरान नहीं।
- बल्लेबाज़ी कर चुके बल्लेबाज़ की जगह या गेंदबाज़ी कर चुके गेंदबाज़ की जगह इम्पैक्ट प्लेयर मैदान पर आ सकता है।
- इम्पैक्ट प्लेयर पूरी पारी में बल्लेबाज़ी कर सकता है या पुरे 4 ओवर गेंदबाज़ी कर सकता है , पर किसी भी स्थिति में 11 खिलाडी ही बल्लेबाज़ी कर सकते है।
- आईपीएल २०२३ में भारतीय खिलाडियों के अलावा विदेशी खिलाडी भी इम्पैक्ट प्लेयर बन सकते है।
- अगर कोई टीम अपनी शुरुआती प्लेइंग 11 में चार विदेशी खिलाडी खिलाती है तो वो टीम सिर्फ भारतीय खिलाडी को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में इस्तेमाल कर सकती है पर यदि
- कोई टीम अपनी शुरुआती प्लेइंग 11 में 4 से कम विदेशी खिलाडी खिलाती है तो वो टीम अपने इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में विदेशी खिलाडी को भी इस्तेमाल कर सकती है।
इम्पैक्ट प्लेयर को कब नहीं खिलाया जा सकता ??
कुछ शर्ते ऐसी भी है जिनके अनुसार इम्पैक्ट प्लेयर को नहीं खिलाया जा सकता वो भी जान लेते है –
- इम्पैक्ट प्लेयर को खिलाने के लिए कोई भी टीम बाध्य नहीं है , टीम की रणनीति के तहत खिला भी सकती है और चाहे तो नहीं भी खिला सकती।
- अगर किसी कारण वश मैच पुरे 20 ओवर का नहीं होता है , और मैच शुरू होने से पहले ही पता लग जाता है की मैच कम ओवर का होगा तो उस स्थिति में इम्पैक्ट प्लेयर नहीं खिलाया जा सकता।
- अगर पहली पारी में बारिश मैच के दौरान आ जाती है और टीम ने अपना इम्पैक्ट प्लेयर नहीं खिलाया है और मैच कम ओवर का हो जाता है तो दूसरी टीम भी इम्पैक्ट प्लेयर को नहीं खिला सकती।
- अगर पहली पारी में बारिश या किसी कारण से मैच के दौरान मैच कम ओवर का हो जाता है पर टीम ने इम्पैक्ट प्लेयर खिलाया है तो दूसरी टीम भी इम्पैक्ट प्लेयर खिला सकती है।
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इम्पैक्ट प्लेयर रूल का पहले भी हो चूका है प्रयोग –
Impact Player नाम जरूर नया है पर ये नियम नया नहीं है , इस तरह का प्रयोग पहले भी हो चूका है।
साल 2005 में आईसीसी सब्स्टिटूट का नियम आज़मा चुकी है तब इसे “सुपर सब ” नाम से जाना गया था। पर उसमे नियम थोड़ा सा अलग था उस नियम में सुपर सब यदि आउट हुए बल्लेबाज़ की जगह उतरा है तो बल्लेबाज़ी नहीं कर सकता था और यदि गेंदबाज़ की जगह उतरा तो गेंदबाज़ी नहीं कर सकता था।
उस समय इस नियम को इतनी सफलता नहीं मिली और आलोचनाओं के चलते ये नियम बदलना पड़ा।
ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में भी है एक्स फैक्टर रूल
ऑस्ट्रेलिया की प्रचलित टी-20 बिग बैश लीग में एक्स फैक्टर रूल है जो कि इम्पैक्ट प्लेयर रूल की ही तरह है।
एक्स फैक्टर रूल में पारी के 10 ओवर से पहले 12वे या १३वे खिलाडी को प्लेइंग 11 का हिस्सा बना सकते है। इस रूल में जिस खिलाडी के बदले एक्स फैक्टर खिलाडी को खिला रहे है उनसे 10 ओवर से पहले बल्लेबाज़ी न की हो या 1 ओवर से ज्यादा गेंदबाज़ी न की हो।
किन खिलाडियों को होगा इम्पैक्ट प्लेयर रूल से फायदा ??
देखा जाये तो इस नियम से आईपीएल ओर अधिक रोमांचक हो जायेगा। टीम में मैच की कंडीशन के हिसाब से टीम अपने प्लेइंग 11 से बाहर बैठे एक खिलाडी को मैच में इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में खिला सकती है।
पर इस नियम से उन खिलाडियों को बहुत फायदा होगा जो क्रिकेट में या तो बल्लेबाज़ी करने में बहुत अच्छे है पर गेंदबाज़ी और फील्डिंग में कमजोर। या गेंदबाज़ी करने में बहुत अच्छे है पर बल्लेबाज़ी और फील्डिंग में बिलकुल सुस्त।
अमित मिश्रा जो कि 40 साल के हो चुके है लखनऊ ने उनको टीम में इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में खिलाने के लिए ख़रीदा है क्यों की मिश्रा जी गेंदबाज़ी में तो बहुत अच्छे है पर बल्लेबाज़ी और फील्डिंग में कमजोर है।
इसी तरह पियूष चावला भी अपनी गेंदबाज़ी से Impact Player के रूप में मैच बदल सकते है।
इशांत शर्मा को भी हम गेंदबाज़ी के लिए इम्पैक्ट प्लेयर कह सकते है।
इम्पैक्ट प्लेयर रूल के आने से उन खिलाडियों को जबरदस्त फायदा हो सकता है जो क्रिकेट में किसी एक फील्ड में बहुत अच्छे है पर बाकि फील्ड में कमजोर।