Last Updated on 15th January 2023 by AJ
वर्तमान समय में बेटे और बेटियों में फर्क करना मतलब किसी एक के अधिकारों का हनन करना है, जिसकी इजाजत भारत का संविधान भी नही देता है । भारतीय संविधान में लड़के और लड़कियों में कोई भेदभाव नही किया गया है तो फिर हमारा समाज ही भेदभाव क्यों करे ।
आज हमारे देश की बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर ही भी वरन पूरे विश्व में भारत का लोहा मनवा रही है । अपनी योग्यता और मेहनत के बदौलत आज बेटियां अपने माता पिता और देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रही है को वह चाहे कोई भी क्षेत्र हो। किसी ने सच ही कहा है बेटियों को एक बार मौका देकर तो देखो आसमान छू लेंगी।
आज यह देखने को भी मिल रहा है आज किसी भी क्षेत्र में बेटियां, बेटों से कम नही है चाहे वह सैन्य क्षेत्र हो या भी खेल का मैदान भारत की बेटियां अपने शानदार प्रदर्शनों के द्वारा न केवल उस क्षेत्र में आगे बढ़ रही बल्कि लोगो से तारीफे भी लूट रही।
इसी कड़ी में आज हम फिर से लेकर आए है एक ऐसे ही महिला क्रिकेटर का नाम जिनकी गेंदबाजी का लोहा सभी मानते है, जिन्होंने 2017 में हुए महिला विश्व कप में अपनी गेंदबाजी का शानदार प्रदर्शन करते हुए लोगो का दिल जीत लिया ।
जी हां हम बात कर रहे है भारतीय महिला क्रिकेट टीम की गेंदबाज मानसी जोशी की जिन्होंने अपने राज्य देश का ही नही वरन पूरे समाज का नाम ऊंचाइयों तक पहुंचाया है और निरंतर प्रयास कर रही हैं। आइए जानते है इनके बारे में:–
मानसी जोशी का पारिवारिक परिचय:–
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की शानदार क्रिकेटर मानसी जोशी का जन्म 18 अगस्त सन् 1993 को उत्तराखंड के सुदूरवर्ती उत्तरकाशी जिले के डुंडा ब्लॉक के गेवला ब्रह्मखाल नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। मानसी जोशी के पिता भूपेंद्र जोशी एक होटल बिजनेस मैन है तथा इनकी माता शांति जोशी एक गवर्नमेंट एम्प्लॉय है। मानसी अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है।
शिक्षा:–
मानसी की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सुमन ग्रामर स्कूल में हुई, कक्षा 5 के बाद इन्हे मां के ट्रांसफर होने के कारण उनके साथ रुड़की में जाना पड़ा, वहां दिल्ली रोड पर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में इनका एडमिशन कराया गया जहां पर इनकी आगे की पढ़ाई हुई। पहाड़ों से निकलकर इनको अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म मिल गया।
इनके टीचर से इनकी काफी अच्छी बॉन्डिंग रहती थी क्योंकि इन्होंने समय समय पर स्कूल के लिए कई मेडल जीतकर लाए है । इनके खेल की रुचि को देखते हुए इनके टीचर ने इनके पिता जी से आगे बढ़ाने की बात कही उसके बाद इन्होंने फरीदाबाद के स्पोर्ट्स कॉलेज से एम ए किया। मानसी स्पोर्ट्स से पोस्ट ग्रेजुएट है।
कैसे साकार हुआ मानसी जोशी का क्रिकेटर बनने का सपना:–
मानसी के परिवार में सभी टेलीविजन पर क्रिकेट देखते साथ में मानसी भी देखती थी, जहां से इनके मन में क्रिकेटर बनने का निश्चय आया। ये अपने बचपन में पहाड़ी इलाके के सीढ़ीनुमा खेतों में लड़कों के ग्रुप क्रिकेट खेलती थी।
जब ये गांव छोड़कर रुड़की शहर में आई तो इन्हें एक अच्छा प्लेटफार्म मिला इन्होंने बहुत से गेम्स में अपने स्कूल को मेडल्स दिलाए। इन्होंने स्कूल स्तर पर खेलते हुए दिल्ली और मुंबई में कई मेडल अपने नाम किए है। इन्होंनेअपने क्रिकेट से लगाव को देखते हुए क्रिकेट में ही अपना कैरियर बनाने का सोचा, इनके स्कूल के ही एक टीचर इन्हे अपने खर्चे पर हरियाणा ले गए और वहां इनका सिलेक्शन हरियाणा महिला क्रिकेट टीम के लिए हो गया।
क्रिकेटर मानसी जोशी को उत्तराखंड सरकार की तरफ से खेल विभाग द्वारा एक पत्र मिला जिसमें अलग अलग सात विभागो में 4600 व 4800 ग्रेड की नौकरियों पर ज्वाइनिंग की बात लिखी गई थी। मानसी ने अपने क्रिकेट करियर के लिए सरकार द्वारा नौकरियों के प्रस्ताव को ठुकरा दिया, परंतु उसके स्थान पर इन्होंने देहरादून में घर देने की मांग जरूर की थी। उत्तराखंड सरकार ने उनसे कहा की यह क्रिकेट का उतना माहौल नही है और फिर लड़की होने के नाते तो क्रिकेट के रास्ते आपके लिए बंद हो जाएंगे। इन्होंने अपने क्रिकेट करियर पर फोकस किया और एक सफल क्रिकेटर बन कर दिखाया।
इन्होंने सेंट जोजेफ में कार्यरत कोच वीरेंद्र सिंह रौतेला से क्रिकेट का परीक्षण लिया रौतेला ने इन्हे क्रिकेट की सारी बारीकियों से इनको रूबरू कराया। मानसी आज जिस मुकाम पर पहुंची है उसका सारा श्रेय ये अपने कोच रौतेला को ही देती है।
क्रिकेटर मानसी जोशी का क्रिकेट करियर :–
ये हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन में भाग लेने के लिए गई जहा पर इनका चयन हरियाणा की महिला क्रिकेट टीम में अंडर 19 के लिए हो गया। इनको सन् 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय टी20 के टीम श्रृंखला में भारतीय महिला क्रिक्रेट टीम में खेलने के लिए सिलेक्ट किया गया। इस मैच श्रृंखला में इन्हे किसी भी मैच में खेलने का मौका भी मिला परंतु उस महीने के अंत में इन्हें टी20 के लिए खेला।
इनको थाइलैंड में महिला टी20 एशिया कप में बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने करियर का पहला अंतर्राष्ट्रीय टी20 मैच खेलने का मौका मिला। इन्होंने डेव्यू मैच में 3 ओवर में 8 रन देकर एक विकेट झटक लिए, उसके बाद थाइलैंड टीम के खिलाफ खेलते हुए 8 रन देकर 2 विकेट उड़ा लिए। इस मैच में इन्हे प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया वो अलग बात है की बाद में इस मैच को अंतर्राष्ट्रीय टी20 का दर्जा नही दिया गया।
इन्होंने 10 फरवरी 2017 के महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर में आयरलैंड के खिलाफ महिला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट (अपने करियर के वनडे मैच) की शुरुआत किया।
इन्हे हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा 26 मई 2017 एचटी यूथ फोरम में शीर्ष 30 में सम्मानित किया गया। मानसी सन् 2017 में इंग्लैंड में होने वाले महिला क्रिकेट विश्व कप ( 24 जून से 30 जुलाई 20017) के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा थी और भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन किया हालांकि टीम इंडिया को फाइनल में इंग्लैंड से 9 रन से हार का सामना करना पड़ा था।
महिला विश्व कप के 14 महीनो के बाद बाद मानसी ने टीम इंडिया में वापसी करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के ही खिलाफ काफी अच्छा प्रदर्शन किया। इनका श्रीलंका में हो रहे मैचों में 3 वनडे और 5 टी20 मैचों की सीरीज के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए सेलेक्ट किया गया था।
मानसी जोशी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:–
✪ क्रिकेटर मानसी जोशी दाएं हाथ की मध्यम तेज गेंदबाज और दाहिने हाथ की बल्लेबाज हैं।
✪ मानसी अपना इंस्पायरियल पर्सन सचिन तेंदुलकर को मानती है, इनके पसंदीदा महिला क्रिकेटर मिताली राज है।
✪ ये हमेशा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से प्रेरित होती रहती है और उनके क्रिकेट करियर से बहुत कुछ सीखती रहती है।
✪ इनके क्रिकेट कोच वीरेंद्र सिंह रौतेला जी है जिन्होंने इन्हे क्रिकेट की हर बारीकियों को अच्छे से बताया, ये अपने इस मुकाम का श्रेय अपने कोच को ही देती है।
✪ क्रिकेटर मानसी जोशी को बैच में क्रिकेट के अलावा गोला फेंक, चक्का फेक जैसे खेलो में भी रुचि थी और इन क्षेत्रों में इन्होंने मेडल भी जीते है।
✪ मानसी जोशी अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम में रहते हुए भारत के लिए अपने कैरियर के कुल 14 वनडे और 8 टी20 मैच खेले है।
✪ मानसी को बचपन से ही छोटे छोटे बाल रखना पसंद है।
✪ इनकी सबसे ज्यादा पसंदीदा महिला क्रिकेटर मिताली राज है।
इंटरव्यू पर आधारित तथ्य:–
✪ मानसी जोशी अपने इंटरव्यू में कहती है की इनके कोच ने जब इन्हे पहली बार अपने पास बुलाया सीखने के लिए तो ये नही गई परंतु बाद में गई जब इन्हे अहसास हुआ कि नही कोच की जरूरत है।
✪ इनका कहना है की बचपन से ही ये लड़की के साथ क्रिकेट खेलने निकल जाती थी और घर में कोई ऑब्जेक्शन भी नही करता था।
✪ इन्होंने उत्तरकाशी के सीढ़ीनुमा खेतों में बहुत मैच खेले है, प्रति जब इनकी मां का ट्रांसफर रुड़की में हुआ तो इन्हें एक अच्छा प्लेटफार्म मिल गया अपने क्रिकेट प्रैक्टिस का और आगे बढ़ने का।
✪ इनका कहना है की छोटे बालों की वजह से कभी भी इन्हें कोई ये नही बोल पाया की लड़की होकर लडको के साथ क्यों खेलती हो।
✪ इनका मानना है की इनका एक छोटा फैमिली और दोस्तो का सर्किल है उसमें सभी हमेशा इनको सपोर्ट करते है और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहते है
✪ इनका कहना हैं कि शुरुआत में इन्हे अपने सीनियर्स से बात करने में हिचकिचाहट महसूस होती थी, बाद में धीरे धीरे सब ठीक हो गया।
✪ मानसी जोशी बताती है की इंजरी के वक्त उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी उन्हें लगता था की कभी उठ ही नही पायेगी उनका करियर खत्म हो गया समझो पहली बार हुए इंजरी से वो बहुत ज्यादा आहत हो गई थी।
पूरा नाम | मानसी जोशी |
जन्म | 18 अगस्त 1993 |
स्थान | गेवला ब्रह्मखाल, डूडा ब्लॉक, उत्तरकाशी,उत्तराखंड |
पिता का नाम | भूपेंद्र जोशी |
माता का नाम | शांति जोशी |
शिक्षा | एम ए (पोस्टग्रेजुएट) |
आयु | 28 वर्ष |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
कोच | वीरेंद्र सिंह रौतेला |
टीम | भारतीय महिला क्रिकेट टीम |
भूमिका | बल्लेबाज |
गेंदबाजी शैली | दाएं हाथ मध्यम तेज |
बल्लेबाजी शैली | दाहिने हाथ |
पसंदीदा क्रिकेटर | सचिन तेंदुलकर( प्रेरणास्रोत), मिताली राज |
जर्सी न. | 10 |
ODI Cap No. | 120 |
T20 Cap No. | 54 |